विभिन्न आई.सी.टी. (सूचना एवं संचार तकनीकी) के माध्यम से मैंने न सिर्फ बच्चों के लिए पाठ तैयार किए हैं बल्कि स्वयं के वृत्तिक विकास में भी मैनें आई.सी.टी. का भरपूर प्रयोग किया है। सम्प्रेषण के तरीकों से लेकर नए-नए साधनों का समावेशन करने में सक्षम हुआ। यूँ तो कम्प्यूटर का ज्ञान विद्यार्थी जीवन से ही था परन्तु 2013 में जब मेरी नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्र के एक मध्य विद्यालय में हुई तो मेरे लिए संभावनाओं का द्वारा खुल गया। बच्चों के लिए टी.एल.एम. (शिक्षण अधिगम सामग्रियाँ) निर्माण में मुझे बेहद रूचि रही है। 2015 में जब मैंने अपना स्मार्टफोन खरीदा तब मुझे मुक्त शैक्षणिक सामग्रियों के माध्यम से बच्चों के लिए और भी प्रभावी शिक्षण विधियों एवं टी.एल.एम. बनाने के तरीकों को सीखा। सेवाकालीन प्रशिक्षण के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) , दरभंगा में दो वर्ष बिताने का अवसर मिला ; यहाँ आई.सी.टी. का शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में सुचारू प्रयोग करना सीख पाया। इसी बीच edx.org, UK-Aid एवं एस...
"Knowledge is Power"