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Showing posts from December, 2019

विज्ञान के सामाजिक सरोकार

_"वे लोग जो विज्ञान(सिद्धान्त) के बिना व्यवहार में जुट जाते हैं उस नाविक की तरह होते हैं जो बिना नियंत्रण वाले और बिना दिशा वाली कुतुबनुमा के जहाज में सफर कर रहा है, और जिसे इसका जरा भी भरोसा नहीं कि वह कहां जा रहा है।"                                  ---लियोनार्दो द विंची                         विज्ञान और तकनीकी के विकास का मुख्य उद्देश्य जीवन को अधिक सुखमय बनाना है। साथ ही समाज को एक नए दृष्टिकोण भी प्रदान करना जो लोगों में तर्क करने की शक्ति प्रदान करे। इस तरह देखा जाय तो विज्ञान का गहरा सामाजिक सरोकार है। लेकिन हमारे देश और समाज में एक अजीब विरोधाभास दिखाई दे रहा है । एक तरफ विज्ञान की उपलब्धियों का तेजी से प्रसार हो रहा है तो दूसरी तरफ के जनमानस में वैज्ञानिक नजरिये के बजाय अंधविश्वास, कट्टरपंथ, पोंगापंथ, रूढ़ियों और परम्पराएँ आजादी के 70 वर्षों के बाद भी हमारे समाज के अंशतः व्याप्त है जो कभी-कभी हमे सोचने पर मजबूर कर देता है। ...

विद्यालय पोषण वाटिका

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अंतर्गत बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना समिति के पत्रांक-966 दिनांक 06-06-2019 के अलोक में राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में विद्यालय पोषण वाटिका (🌱🌿🌾🌲🌳🌵🌴🍀) विकसित करने का फरमान जारी किया गया है. इसे अंकुरण योजना के नाम से जाना जाएगा. उक्त योजना की शुरुआत का लक्ष्य भले ही मध्याह्न भोजन में बच्चों को पौष्टिक सब्जिओं का रसास्वादन करवाना हो, परंतु इस योजना का अगर दूसरा पहलू देखा जाय तो हम पाएंगे कि इसके द्वारा विद्यालय के बच्चों में बागबानी कौशल विकसित होगा साथ ही साथ पौधा रोपण के प्रति जागरूकता आएगी. इतना ही नहीं कृषि के महत्व को समझने का मौका मिलेगा. सब्जिओं में पाई जाने वाली जैव विविधता का भी ज्ञान मिल सकेगा. प्राचीन काल में गुरुकुल परम्परा के तहत शिष्यों को इसी तरह के व्यावहारिक एवं जीवनोपयोगी  शिक्षा दी जाती थी. Photo source : Google विद्यालय पोषण वाटिका में उगाए जाने वाले सब्जियों एवं फलों में जैविक खाद का प्रयोग हो तो और भी बेहतर. कृषि की विधियों एवं उनसे जुड़ी अन्य क्रियाकलापों की व्यावहारिक समझ प्राथमिक स्तर के बच्चों क...