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Showing posts from March, 2020

सीखने-सिखाने के उद्देश्य से विद्यालय भवन एवं अन्य संरचनाओं का सृजनात्मक उपयोग

सीखने-सिखाने के उद्देश्य से विद्यालय भवन एवं अन्य संरचनाओं का सृजनात्मक उपयोग रवि रौशन कुमार बच्चे अपने संसार को बहु इंद्रियों से महसूस करते हैं विशेषकर दृष्टि और स्पर्श इंद्रियों से। एक त्रिआयामी स्थान बच्चों को सीखने के लिए एक विशेष व्यवस्था दे सकता है क्योंकि यह पाठ्यपुस्तकों तथा ब्लैकबोर्ड का साथ देते हुए बच्चों के लिए बहु इंद्रिय अनुभव प्रस्तुत कर सकता है। स्थानिक आयामों, संरचनाओं, आकारों, कोणों, गति तथा स्थानिक विशेषताओं, जैसे-अंदर-बाहर, सममिति, ऊपर-नीचे का उपयोग, भाषा, विज्ञान, गणित तथा पर्यावरण की मूल अवधारणाओं को संप्रेषित करने के लिए किया जा सकता है। ढ़ाँचागत सुविधाएँ शिक्षार्थियों के लिए अनुकूल स्थितियाँ बनाने व गतिविधि-केन्द्रित संदर्भ उपलब्ध करवाने के लिए जरूरी है।  विद्यालय को एक अंत-क्रियात्मक भौतिक स्थल के तौर पर देखा जाता है। सीखने-सिखाने के उद्देश्य से भवन, मैदान, परिसर, दीवार या विद्यालय अथवा उसके इर्द-गिर्द उपलब्ध अन्य जगहों का सृजनात्मक उपयोग करने की सिफारिश राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 में भी वर्णित है। विद्यालय के वातावरण में सीखने के...

लॉकडाउन का पर्यावरण पर प्रभाव

        संपूर्ण विश्व COVID-19 यानि नोवेल कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। दुनियां भर की तमाम गतिविधियां थम सी गयी है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जा रही है। सरकारें लॉकडाउन को सख्ती से लागू करवा रही है। आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा हैं। परंतु इस सब के बीच एक सकारात्मक तथ्य सामने आ रहा है जो आजकल पर्यावरण प्रेमियों और वैज्ञानिकों के लिए सुकून देने वाला है। वैसे तो कोरोना महामारी के इस संकट की घड़ी में लॉकडाउन एक आवश्यक कदम है लेकिन इसके कारण पर्यावरण को भी फायदा पहुंच रहा है। जहां वैश्विक स्तर पर प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन एक विकराल समस्या के रूप में सामने है, वहीं विभिन्न देशों में किए गए लॉकडाउन से प्रदूषण ख़त्म हुआ है। लॉकडाउन से फैक्ट्रियां बंद हुई, गाड़ियों की रफ्तार थम गयीं, रेल यातायात स्थगित है, हवाई सेवाएं ठप कर दी गयीं है। इससे समाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है; इसमें कोई दो राय नहीं परन्तु इसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक...