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सोशल मीडिया आओर मानसिक स्वास्थ्य

सोशल मीडिया आओर मानसिक स्वास्थ्य

आजुक डिजिटल युग मे सोशल मीडिया हमर जीवनक एकटा अहम हिस्सा बनि गेल अछि। एकर माध्यम सँ लोक आपस मे जुड़ैत अछि, अपन विचार साझा करैत अछि, आ नव जानकारी सेहो पबैत अछि। यद्यपि एकर बहुत रास लाभ अछि, तथापि ई मानसिक स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभाव छोड़ैत अछि—जकर प्रभाव सकारात्मक आ नकारात्मक दुनू तरहक होइत अछि।

सकारात्मक प्रभाव :

सोशल मीडिया भावनात्मक सहारा देबा मे मददगार होइत अछि। लोक अपन भावना साझा करैत छथि आ अपन मित्र-परिवार सँ समर्थन पाबैत छथि। एकर माध्यम सँ अपन-अपन रुचि अनुसार समूह बनि जाइत अछि—जाहि सँ एकाकी अनुभव करैत लोक सभक बीच सामूहिकता आनल जा सकैत अछि। कठिन समय मे ई प्रेरणा, सीख आ सकारात्मकता देबा मे सेहो सहायक होइत अछि।

नकारात्मक प्रभाव :

लेकिन, सोशल मीडिया केर नकारात्मक प्रभाव चिंताक विषय बनि गेल अछि। लोक बारम्बार अपन तुलना दोसरक जीवन सँ करैत अछि—जाहि सँ ईर्ष्या, आत्म-हीनता आ उदासी उत्पन्न होइत अछि। सामाजिक मीडिया पर लोक सामान्यतः अपन जीवनक सुन्दर पक्ष के देखबैत अछि, जे वास्तविकता सँ अलग होइत अछि। एहि कारणेँ दोसर लोक के अपन जीवन बेकार बुझाए लगैत अछि।

बहुत बेसी समय सोशल मीडिया पर देला सँ बेचैनी, तनाव आ डिप्रेशन जेकाँ मानसिक समस्‍या उत्पन्न होइत अछि। एकर असर नींद, ध्यान केंद्रित करबा, आ पारिवारिक संबंध पर सेहो पड़ैत अछि। लाइक, कमेन्ट आ ध्यान के लालच लोक के परेशान कऽ दैत अछि।

साइबर बुलिंग आ दबाव :

विशेष रूप सँ किशोर वर्ग (Teenagers) पर एकर असर बेसी होइत अछि। ओ सभ साइबर बुलिंग, आलोचना आ दिखाबटी जीवनक दबाव सँ गुजरैत छथि। ई हुनकर आत्मविश्वास पर चोट करैत अछि, आ समय पर उचित मार्गदर्शन नहि भेटला पर मानसिक बीमारीक रूप धारण कऽ सकैत अछि।

कोना करी शोशल मीडियाक स्वस्थ उपयोग :

मानसिक रूप सँ स्वस्थ रहबाक लेल सोशल मीडिया के समझदारी सँ उपयोग करब जरूरी अछि। समय-समय पर ब्रेक लेब, वास्तविक जीवनक गतिविधि मे भाग लेब, आ सकारात्मक सामग्री देखब नीक उपाय साबित भ' सकैत अछि। अपन तुलना दोसर सँ नहि करी, आ नकारात्मक पेज या बात सँ दूर रहल जाय। मित्र-परिवार सँ व्यक्तिगत रूपसँ गप-सप करब सेहो भावना के संतुलन में मदद करैत अछि।

निष्कर्ष :

सामाजिक मीडिया एक शक्तिशाली साधन अछि, मुदा ओकर उपयोग के तरीका पर निर्भर करैत अछि कि ई अहाँक जीवन में सहयोगी बनत कि बाधा। जँ एकरा सोच-समझ कऽ उपयोग कैल जाय, तऽ ई विकास के मार्ग बनि सकैत अछि। लेकिन जँ एकर अधीन भऽ गेलौं, तऽ मानसिक अशांति निश्चित अछि। तें आवश्यक अछि कि हम सोशल मीडिया के जागरूकता, आत्म-सम्मान आ संतुलन संग उपयोग करी।

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