कोरोना काल में जब विद्यालय लंबी अवधि के लिए बंद हुए तब उन्होंने ई-पत्रिका के माध्यम से बच्चों का शिक्षण नियमित रखा। विद्यालय का अपना ऐप और ब्लॉग भी विकसित किया। इस पर विभिन्न कक्षाओं के अलग-अलग विषयों के पाठ को अपलोड कर एक निर्वाध शिक्षण कार्य की नई इबारत लिखने में सफल रहे। शिक्षक अधिगम सामग्रियों के निर्माण के नवाचार को भी रवि रौशन ने अपनाया। इसका अनुसरण जिले के अन्य विद्यालयों के शिक्षकों ने भी किया। कक्षा में आईसीटी का प्रयोग कर पाठ्य को रोचक और ज्ञानोपयोगी बनाने से केवल अपने विद्यालय में ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लाखों बच्चों के समक्ष नया आदर्श स्थापित किया। आनलाईन टूल्स की सहायता से बच्चों के मूल्यांकन का नवाचार उनकी प्रमुख उपलब्धियों में है। सम्मानित शिक्षक रवि रौशन कुमार ने कहा कि कोरोना काल में स्कूल बंदी के दौरान बच्चों की शिक्षा व्यवस्था सुचारू रखने के प्रयास ने सम्मान के काबिल बनाया। बच्चों को घर पर ही शिक्षा से जोड़े रखने के लिए ऑनलाइन क्लास की पहल एवं यू-ट्यूब के माध्यम से चैनल बनाकर बच्चों को पढ़ाने का आइडिया बच्चों के लिए कारगर रहा। सम्मान पाने के बाद आगे और बेहतर करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए आगे भी मेरा प्रयास जारी रहेगा। सम्मान पाने के बाद नए नए प्रयोग करने की शक्ति मिलेगी।
रवि रौशन कुमार एक समर्पित शिक्षाविद् हैं, जो विद्यालयी शिक्षा में नवाचार, सूचना एवं संचार तकनीक (ICT), पर्यावरण शिक्षा और समावेशी शिक्षण विधियों के पक्षधर हैं। आपने शैक्षिक क्षेत्र में वर्षों का अनुभव अर्जित किया है और कक्षा शिक्षण के साथ-साथ प्रशिक्षण, शिक्षण-सामग्री निर्माण और शैक्षिक लेखन में सक्रिय योगदान दिया है। आपने मध्य विद्यालय स्तर पर कंप्यूटर विज्ञान, विज्ञान व पर्यावरण जैसे विषयों के लिए प्रशिक्षण सत्रों, परियोजनाओं और पाठ योजनाओं का निर्माण किया है।
आपने 50 से अधिक लेख प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाए हैं, जो पर्यावरणीय चेतना, विज्ञान जागरूकता, शिक्षण नवाचार और सामाजिक विषयों पर केंद्रित हैं। ICT का प्रभावी उपयोग करते हुए आपने डिजिटल उपकरणों को शिक्षण में एकीकृत किया है और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल भी विकसित किए हैं।
आप ICT आधारित शिक्षण, मूल्यांकन एवं प्रशिक्षण सामग्री निर्माण में दक्ष हैं और आपने कई शिक्षण मॉड्यूल्स, पाठ योजनाओं, क्विज़, और मल्टीमीडिया प्रस्तुतीकरण तैयार किए हैं। इसके अतिरिक्त, आपने विश्व पर्यावरण दिवस, विज्ञान दिवस, जैव विविधता दिवस जैसे अवसरों पर विद्यालय-स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन कर बच्चों और समुदाय को जोड़ने का कार्य भी किया है।
आपका कार्य बच्चों की जिज्ञासा, सहयोग और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने की दिशा में केंद्रित रहा है। व्यावसायिक दक्षता के साथ-साथ आप सतत् अधिगम में विश्वास रखते हैं और स्वयं को लगातार अद्यतन रखने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षणों, अध्ययन और नवाचारों से जुड़े रहते हैं।
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