गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस हम भारतवासियों को एक मौका देता है उन वीर सपूतों को याद करने का, जिनकी वजह से आज हम स्वतंत्रतापूर्वक जीवन जी रहे हैं. इन दिवसों को मनाने का मतलब सिर्फ संदेशों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करना मात्र नहीं है अपितु ये वो अवसर है जब हम अपनी आने वाली पीढ़ी को एक मजबूत, शिक्षित, आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र सौंपने की दिशा में अपने प्रयासों की समीक्षा कर सकें. ये वही दिवस है जिस दिन फिजाओं में सिर्फ राष्ट्रभक्ति गीतों की धुन ही न बजे बल्कि हम सभी देशवासियों के हृदय में भी राष्ट्र प्रेम की धुन बजनी चाहिये. विशाल लोकतान्त्रिक देश होने का दंभ भरने मात्र से कुछ नहीं होगा. बल्कि हमे देश के वर्तमान राजनीतिक हालातों की गंभीरता पर भी ध्यान देना होगा. लोकतन्त्र के चारों स्तंभों के कार्य प्रणाली में आए ह्रास को गंभीरता से लेते हुए सुधार की दिशा में बढ़ना होगा. राजनीतिक दलों को भी येन-केन प्रकारेण चुनाव जीतने की जिद्द छोड़नी होगी तभी स्वस्थ लोकतन्त्र की कल्पना साकार हो सकेगी. संविधान निर्माताओं की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में अभी भी बहुत सारे कार्य...
"Knowledge is Power"